एक सुबह एक मोड़ पर - Ek Subah Ek Mod Par (Yesudas, Hip Hip Hurray)

Movie/Album: हिप हिप हुर्रे (1984)
Music By: वनराज भाटिया
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: येसुदास

एक सुबह एक मोड़ पर
मैंने कहा उसे रोक कर
हाथ बढ़ा ऐ ज़िन्दगी
आँख मिला के बात कर

रोज़ तेरे जीने के लिये
एक सुबह मुझे मिल जाती है
मुरझाती है कोई शाम अगर
तो रात कोई खिल जाती है
मैं रोज़ सुबह तक आता हूँ
और रोज़ शुरू करता हूँ सफ़र
हाथ बढ़ा ऐ ज़िंदगी...

तेरे हज़ारों चेहरों में
एक चेहरा है मुझसे मिलता है
आँखों का रंग भी एक सा है
आवाज़ का अंग भी मिलता है
सच पूछो तो हम दो जुड़वा हैं
तू शाम मेरी मैं तेरी सहर
हाथ बढ़ा ऐ ज़िन्दगी...
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