काली पलक तेरी गोरी - Kaali Palak Teri Gori (Kishore Kumar, Lata Mangeshkar, Do Chor)

Movie/Album: दो चोर (1972)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार, लता मंगेशकर

काली पलक तेरी गोरी
खुलने लगी है थोड़ी-थोड़ी
एक चोरनी, एक चोर के घर
करने चली है चोरी, हो चोरी
काली पलक पिया मोरी
खुलने लगी है थोड़ी-थोड़ी
एक चोरनी, एक चोर के घर
करने चली है चोरी, हो चोरी

आएगी बाँध के पायल
तू होंठ दबाए, बदन को चुराए
नाज़ुक कमर से लगाए
अदा की कटारी ज़ालिमा
फेरेगी धीरे-धीरे, तू मेरे गले पर
ये बाँहों के ख़ंजर
जाएगी दिल मेरा लेकर
समझ के अनाड़ी बालमा
रोज़ रात को यूँ ही बांधेगी
लटों की डोरी, हो डोरी
काली पलक तेरी गोरी...

ना तो मैं डोर से बांधूँ
न जाल बिछाऊँ, न तीर चलाऊँ
नाज़ुक कमर से लगाऊँ
छुरी न कटारी, साजना, ओ सजना
मैं तो तेरा दिल लूंगी
तुझी से छुपा के, नज़र को बचा के
यूँ ही ज़रा मुसका के
कहूँगी अनाड़ी साजना
रोज़ रात को तेरे घर
होगी तेरी चोरी, हो चोरी
काली पलक पिया मोरी...

अच्छी हुई मेरी चोरी
के एक दिल खोया
तो एक दिल पाया
ऐसे कोई पास आया
के आ गया लुटने का मज़ा
अच्छी तेरी-मेरी जोड़ी
के लूट गए दोनों, तो बस गए दोनों
हँस के लिपट गए दोनों
हुआ जब वादा प्यार का
रोज़ रात को मिलेंगे
चंदा और चकोरी, चकोरी
काली पलक तेरी गोरी...

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