Movie/Album: ये नज़दीकियाँ (1982)
Music By: पंडित रघुनाथ सेठ
Lyrics By: विनोद पांडेय
Performed By: अनुराधा पौडवाल
मैंने एक गीत लिखा है, जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा...
हँसते हुए फूलों पे, ठहरी हुई शबनम है
ये कौन सा नग़मा है, ये कौन सी सरगम है
इक साज़ जो गुमसुम है, मैं उसको जगाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा...
ये धूप खटकती सी, सोये हुए साये हैं
किस देश से चल कर ये, इस देश में आये हैं
मैं इनकी सदा बनकर उस पार से आती हूँ
साँसों में समाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा...
इक प्यार की सिहरन है, मदमस्त फुहारों में
इक शोख शरारत है, रंगीन नज़ारों में
इस प्यार के साग़र में, मौजों को उठाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा...
Music By: पंडित रघुनाथ सेठ
Lyrics By: विनोद पांडेय
Performed By: अनुराधा पौडवाल
मैंने एक गीत लिखा है, जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा...
हँसते हुए फूलों पे, ठहरी हुई शबनम है
ये कौन सा नग़मा है, ये कौन सी सरगम है
इक साज़ जो गुमसुम है, मैं उसको जगाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा...
ये धूप खटकती सी, सोये हुए साये हैं
किस देश से चल कर ये, इस देश में आये हैं
मैं इनकी सदा बनकर उस पार से आती हूँ
साँसों में समाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा...
इक प्यार की सिहरन है, मदमस्त फुहारों में
इक शोख शरारत है, रंगीन नज़ारों में
इस प्यार के साग़र में, मौजों को उठाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा...
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