Movie/Album: दर्द का रिश्ता (1982)
Music By: राहुल देव बर्मन
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: किशोर कुमार
यूँ नींद से वो जान-ए-चमन जाग उठी है
परदेस में फिर याद-ए-वतन जाग उठी है
यूँ नींद से वो...
फिर याद हमें आये हैं सावन के वो झूले
वो भूल गये हमको, उन्हें हम नहीं भूले
इस दर्द के कांटों की चुभन जाग उठी है
परदेस में फिर...
इस शहर से अच्छा था बहुत अपना वो गाँव
पनघट है यहाँ कोई ना पीपल की वो छाँव
पश्चिम में वो पूरब की पवन जाग उठी है
परदेस में फिर...
हम लोग सयाने सही, दीवाने हैं लेकिन
बेगाने बहुत अच्छे हैं, बेगाने हैं लेकिन
बेगानों में अपनों की लगन जाग उठी है
परदेस में फिर...
Music By: राहुल देव बर्मन
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: किशोर कुमार
यूँ नींद से वो जान-ए-चमन जाग उठी है
परदेस में फिर याद-ए-वतन जाग उठी है
यूँ नींद से वो...
फिर याद हमें आये हैं सावन के वो झूले
वो भूल गये हमको, उन्हें हम नहीं भूले
इस दर्द के कांटों की चुभन जाग उठी है
परदेस में फिर...
इस शहर से अच्छा था बहुत अपना वो गाँव
पनघट है यहाँ कोई ना पीपल की वो छाँव
पश्चिम में वो पूरब की पवन जाग उठी है
परदेस में फिर...
हम लोग सयाने सही, दीवाने हैं लेकिन
बेगाने बहुत अच्छे हैं, बेगाने हैं लेकिन
बेगानों में अपनों की लगन जाग उठी है
परदेस में फिर...
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