Movie/Album: आरोही (1982)
Music By: आनंद सागर किरण
Lyrics By: भरत व्यास
Performed By: मुकेश, हेमलता
तुझको फ़ुरसत से विधाता ने रचा
हृदय तुझको क्या दिया है राम ने
चाँद चाहे मुझसे मुखड़ा फेर ले
तू रहे बैठी नज़र के सामने
तुझको फ़ुरसत से...
चाँद तो छाया है तेरे रंग की
शायरों की दाद पा के तन गया
जिसमें निरखा तूने अपने रूप को
वो तेरा दर्पण ही चंदा बन गया
बिन पिलाए ही मुझे बहका दिया
तेरी अँखियों के गुलाबी जाम ने
तुझको फ़ुरसत से...
तुम हो प्रियतम मेरे मन के देवता
मैं तुम्हारे इन चरण की धूल हूँ
तुम हो पूजा तुम मेरी आराधना
मैं तुम्हारी साधना की फूल हूँ
गिर नहीं सकता कोई मझधार में
तुम बढ़ो जिसकी कलाई थामने
तुझको फ़ुरसत से...
Music By: आनंद सागर किरण
Lyrics By: भरत व्यास
Performed By: मुकेश, हेमलता
तुझको फ़ुरसत से विधाता ने रचा
हृदय तुझको क्या दिया है राम ने
चाँद चाहे मुझसे मुखड़ा फेर ले
तू रहे बैठी नज़र के सामने
तुझको फ़ुरसत से...
चाँद तो छाया है तेरे रंग की
शायरों की दाद पा के तन गया
जिसमें निरखा तूने अपने रूप को
वो तेरा दर्पण ही चंदा बन गया
बिन पिलाए ही मुझे बहका दिया
तेरी अँखियों के गुलाबी जाम ने
तुझको फ़ुरसत से...
तुम हो प्रियतम मेरे मन के देवता
मैं तुम्हारे इन चरण की धूल हूँ
तुम हो पूजा तुम मेरी आराधना
मैं तुम्हारी साधना की फूल हूँ
गिर नहीं सकता कोई मझधार में
तुम बढ़ो जिसकी कलाई थामने
तुझको फ़ुरसत से...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...