Movie/Album: स्वीटी (1981)
Music By: हेमन्त भोंसले
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: आशा भोंसले
आज अकेली मैं और जहां के सितम
तू ही कहीं से, तोड़ के बंधन, अब तो आजा सनम
आज अकेली मैं...
काश हम आज़ाद पंछी बन के उड़ते साथ में
फिर किसी डाली के पीछे हाथ लेकर हाथ में
इस तरह बाहों में खिलते देखता सारा चमन
आज अकेली मैं...
या बिछड़ जाते कभी मौसम के तूफानों में हम
आंधियों का शोर होता ठोकरें खाते क़दम
गिरते-पड़ते फिर भी हम-तुम मिल ही जाते जानेमन
आज अकेली मैं...
ये भी मुमकिन था के घर से दूर सेहरा में कहीं
चलते-चलते, चलते-चलते शाम हो जाती वहीं
सो ही जाते रेत पर फिर नींद के मारे बदन
आज अकेली मैं...
Music By: हेमन्त भोंसले
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: आशा भोंसले
आज अकेली मैं और जहां के सितम
तू ही कहीं से, तोड़ के बंधन, अब तो आजा सनम
आज अकेली मैं...
काश हम आज़ाद पंछी बन के उड़ते साथ में
फिर किसी डाली के पीछे हाथ लेकर हाथ में
इस तरह बाहों में खिलते देखता सारा चमन
आज अकेली मैं...
या बिछड़ जाते कभी मौसम के तूफानों में हम
आंधियों का शोर होता ठोकरें खाते क़दम
गिरते-पड़ते फिर भी हम-तुम मिल ही जाते जानेमन
आज अकेली मैं...
ये भी मुमकिन था के घर से दूर सेहरा में कहीं
चलते-चलते, चलते-चलते शाम हो जाती वहीं
सो ही जाते रेत पर फिर नींद के मारे बदन
आज अकेली मैं...
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