Movie/Album: सदमा (1983)
Music By: इल्लयराजा
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: आशा भोंसले, सुरेश वाडकर
ये हवा, ये फ़िज़ा दीवानों के मयख़ाने हैं
कभी ये, कभी वो, कभी वो जला
ये मिटा, ये गिरा और वो चला
आवारा परवाने दीवाने हैं, दीवाने हैं
ये हवा, ये फ़िज़ा...
हाँ मयख़ाना और ये उदासी क्यूँ
सागर किनारे रूह प्यासी क्यूँ
मयख़ाना महफ़िल है दीवानों की
दीवानों में ये सन्यासी क्यूँ
मौसम घुला है ज़रा गुनगुनाओ
जूड़ें बना के लटें ये झुलाओ
फिर ऐसा मौसम भी मिले न मिले दीवानों
ये हवा, ये फ़िज़ा...
जलने की सीने में तमन्ना है
शमा पे जाना और जलना है
दिल की ज़रा-सी चिंगारी पर
सारी उमर का पिघलना है
गर साथ हो जाओ तो साथ हो कर
रहना फ़िज़ा में बड़े ख़्वाब हो कर
फिर ऐसा मौसम भी मिले न मिले दीवानों
ये हवा, ये फ़िज़ा...
Music By: इल्लयराजा
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: आशा भोंसले, सुरेश वाडकर
ये हवा, ये फ़िज़ा दीवानों के मयख़ाने हैं
कभी ये, कभी वो, कभी वो जला
ये मिटा, ये गिरा और वो चला
आवारा परवाने दीवाने हैं, दीवाने हैं
ये हवा, ये फ़िज़ा...
हाँ मयख़ाना और ये उदासी क्यूँ
सागर किनारे रूह प्यासी क्यूँ
मयख़ाना महफ़िल है दीवानों की
दीवानों में ये सन्यासी क्यूँ
मौसम घुला है ज़रा गुनगुनाओ
जूड़ें बना के लटें ये झुलाओ
फिर ऐसा मौसम भी मिले न मिले दीवानों
ये हवा, ये फ़िज़ा...
जलने की सीने में तमन्ना है
शमा पे जाना और जलना है
दिल की ज़रा-सी चिंगारी पर
सारी उमर का पिघलना है
गर साथ हो जाओ तो साथ हो कर
रहना फ़िज़ा में बड़े ख़्वाब हो कर
फिर ऐसा मौसम भी मिले न मिले दीवानों
ये हवा, ये फ़िज़ा...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...