Movie/Album: ग़ज़ल (1964)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: सुमन कल्याणपुर, मो.रफ़ी
मुझे ये फूल न दे, तुझको दिलबरी की क़सम
ये कुछ नहीं, तेरे होठों की ताज़गी की क़सम
नज़र हसीं है तो जलवे हसीन लगते हैं
मैं कुछ नहीं हूँ, मुझे मेरे हुस्नगी की क़सम
मुझे ये फूल न दे
तू एक साज़ है, छेड़ा नहीं किसी ने जिसे
तेरे बदन में छुपी नर्म रागनी की क़सम
ये रागनी तेरे दिल में है, मेरे तन में नहीं
परखने वाले मुझे, तेरी सादगी की क़सम
मुझे ये फूल न दे
ग़ज़ल का लोच है तू, नज़्म का शबाब है तू
यक़ीन कर, मुझे मेरी ही शायरी की क़सम
परखने वाले मुझे...
मुझे ये फूल न दे...
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: सुमन कल्याणपुर, मो.रफ़ी
मुझे ये फूल न दे, तुझको दिलबरी की क़सम
ये कुछ नहीं, तेरे होठों की ताज़गी की क़सम
नज़र हसीं है तो जलवे हसीन लगते हैं
मैं कुछ नहीं हूँ, मुझे मेरे हुस्नगी की क़सम
मुझे ये फूल न दे
तू एक साज़ है, छेड़ा नहीं किसी ने जिसे
तेरे बदन में छुपी नर्म रागनी की क़सम
ये रागनी तेरे दिल में है, मेरे तन में नहीं
परखने वाले मुझे, तेरी सादगी की क़सम
मुझे ये फूल न दे
ग़ज़ल का लोच है तू, नज़्म का शबाब है तू
यक़ीन कर, मुझे मेरी ही शायरी की क़सम
परखने वाले मुझे...
मुझे ये फूल न दे...
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