Movie/Album: छिछोरे (2019)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: तुषार जोशी, अरिजीत सिंह
यादों के पुराने एल्बम में
छुपा के रखे हैं हमने वो दिन
गुल्लक में पड़ी चवन्नी सी
बचा के रखे हैं हमने वो दिन
ना किसी मंज़िल की फिकर थी
ज़िन्दगी जीने की उमर थी
दोस्ती और दोस्तों से उधार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे...
बिगड़े हुए इंसान थे
शैतान की संतान थे
हो, लेकिन ब्रदर, जो भी कहो
वो यार ही, तो जान थे
कॉलेज की कुड़ी से
करने आँखें चार के दिन थे
आये ज़िन्दगी में पहले पहले
प्यार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे...
करना मना, थे काम जो
हमने किया, हर काम वो
जिनकी नहीं, थी परमिशन
सारे किये, इंतज़ाम वो
बेढब हरकतों के भूत सर पे
सवार के दिन थे
हद करने के यारों
आर या फिर पार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे...
खरबूजों को खरबूजों की
मिली सी संगत के अपने वो दिन
ओ, जीवन पे नयी जवानी की
चढ़ी सी रंगत के अपने वो दिन
याद है फिल्मों के पुराने
आर डी बर्मन के वो गाने
बैंड के कीबोर्ड के
और गिटार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे...
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: तुषार जोशी, अरिजीत सिंह
यादों के पुराने एल्बम में
छुपा के रखे हैं हमने वो दिन
गुल्लक में पड़ी चवन्नी सी
बचा के रखे हैं हमने वो दिन
ना किसी मंज़िल की फिकर थी
ज़िन्दगी जीने की उमर थी
दोस्ती और दोस्तों से उधार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे...
बिगड़े हुए इंसान थे
शैतान की संतान थे
हो, लेकिन ब्रदर, जो भी कहो
वो यार ही, तो जान थे
कॉलेज की कुड़ी से
करने आँखें चार के दिन थे
आये ज़िन्दगी में पहले पहले
प्यार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे...
करना मना, थे काम जो
हमने किया, हर काम वो
जिनकी नहीं, थी परमिशन
सारे किये, इंतज़ाम वो
बेढब हरकतों के भूत सर पे
सवार के दिन थे
हद करने के यारों
आर या फिर पार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे...
खरबूजों को खरबूजों की
मिली सी संगत के अपने वो दिन
ओ, जीवन पे नयी जवानी की
चढ़ी सी रंगत के अपने वो दिन
याद है फिल्मों के पुराने
आर डी बर्मन के वो गाने
बैंड के कीबोर्ड के
और गिटार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे...
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