खोलो खोलो - Kholo Kholo (Raman Mahadevan, Taare Zameen Par)

Movie/Album: तारे ज़मीन पर (2007)
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: प्रसून जोशी
Performed By: रमन महादेवन

खोलो खोलो दरवाज़े
पर्दे करो किनारे
खूंटे से बंधी है हवा
मिल के छुड़ाओ सारे
आ जाओ पतंग ले के
अपने ही रंग ले के
आसमाँ का शामियाना
आज हमें है सजाना

क्यूँ इस कदर, हैरान तू
मौसम का है, मेहमान तू
ओ दुनिया सजी, तेरे लिए
खुद को ज़रा पहचान तू
तू धूप है, छम से बिखर
तू है नदी, ओ बेख़बर
बह चल कहीं, उड़ चल कहीं
दिल खुश जहाँ
तेरी तो मंज़िल है वही

ओ, क्यूँ इस कदर हैरान तू
मौसम का है मेहमान तू

बासी ज़िंदगी उदासी
ताज़ी हँसने को राज़ी
गरमा गर्म सारी
अभी-अभी है उतारी
हो ज़िंदगी तो है बताशा
मीठी-मीठी सी है आशा
चख ले रख ले
हथेली से ढक ले इसे

तुझमें अगर, प्यास है
बारिश का घर, भी पास है
हो रोके तुझे, कोई क्यूँ भला
संग-संग तेरे आकाश है
तू धूप है छम से बिखर...

खुल गया
आसमाँ का रस्ता देखो खुल गया
मिल गया
खो गया था जो सितारा मिल गया
मिल गया

रोशन हुई, सारी ज़मीं
जगमग हुआ, सारा जहां
हो उड़ने को तू, आज़ाद है
बंधन कोई, अब है कहाँ
तू धूप है छम से बिखर...
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