Music By: सचेत-परंपरा
Lyrics By: अनिल वर्मा
Performed By: सचेत टंडन, परंपरा ठाकुर
भवानी के वीरों उठा लो भुजा को
सत्यागिनी को मस्तक सजा लो
स्वाहा हो शत्रु, प्रचंड मचा दो
शपथ का पथ वीर पथ
देश का पथ जीत पथ
कदमों की ताल से
धूल का बादल सजा
शत्रु के लहू से
धरती का श्रृंगार कर
देश पर प्रहार है
प्रहार कर, प्रहार कर
घमंड कर, प्रचंड कर
तांडव सा युद्ध कर
युद्ध कर भयंकर
रा रा रा रा
रा रा रा रा...
खेल तू शमशीर से
दुश्मन पे वार कर
हौसलों को चीर के
टुकड़े हज़ार कर
नाच खेल मौत का
जीत की धुन बना
जीत का गुमान कर
प्रहार कर, प्रहार कर
देश पर प्रहार है
गुमान कर, गुमान कर
घमंड कर, प्रचंड कर...
घमंड से चलो
ना डरो, ना गिरो
काट सब को दिल से
जीत की ओर चलो
घमंड की पुकार है
डरो, ना डरो
दलदल में लहू के
बढ़ चलो, बढ़ चलो
घमंड ही तेरे
शीश का श्रृंगार है
चीर शीश सब के
बढ़ चलो, बढ़ चलो
घमंड से चलो
ना डरो, ना गिरो
काट सब को दिल से
जीत की ओर चलो
रक्त गिरेगा, माटी तरेगी
प्यास बुझेगी, हो
दुश्मन कटेगा, धरती सजेगी
देश सजेगा, हो
रक्त गिरेगा...
रा रा रा रा...
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