Music By: गौरव चटर्जी
Lyrics By: संदीप गौर
Performed By: नीति मोहन, जतिंदर सिंह, हरजोत के ढिल्लन
कुंडली में बैठे हैं जो तारे
तार गलत जोड़े हैं वो प्यारे
कुंडली में बैठे हैं जो तारे
तार गलत जोड़े हैं वो प्यारे
लव तो वो चिड़िया है
किस्मत से हाथ लगे
फूँक के फूँक के
फूँक फूँक के पीना रे
इश्क दा पाणी
इश्क दा पाणी, इश्क दा पाणी
इश्क दा पाणी इश्क दा पाणी
फूँक फूँक के पीना रे
इश्क दा पाणी
ससड़िये तेरे पंज पुतर दो
ऐबी दो शराबी
ससड़िये तेरे पंज पुतर दो
ऐबी दो शराबी
जेहड़ा मेरे हाँड़ दा
ओ खिळेया फुल्ल गुलाबी
काला शाह काला
ओ काला शाह काला
मेरा काला ए सरदार
गोरेया नू दफ़ा करो
ओ गोरेया नु दफ़ा करो
मैं अप्प नि रेहंदी बहार
काला शाह काला
फूँक के फूँक के...
काठ की इक मटकी है
ये इश्के सुनो
चढ़े आग पे हर लम्हा
फिर भी न जले
है रातों की शाखों पे
जब चाँद खिले
छत पे आ के
दूजा इक फिर चाँद मिले
लव तो वो दरिया है
डूब के पार लगे
फूँक के फूँक के...
हो इक ख़्वाब था
दो आँखों में
इक ख़्वाब था
इक नाम था साँसों में
जो अश्क बन के
बह गया, बह गया
रह गया दिल तन्हा
रह गया दिल तन्हा
फूँक के फूँक के...
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