Music By: जाँ निसार लोन
Lyrics By: पीर ज़हूर
Performed By: कमाल खान
वो रूबरू खड़े
हैं मगर फ़ासले तो हैं
वो रूबरू खड़े
हैं मगर फ़ासले तो हैं
नज़रों ने दिल की बात कही
लब सिले तो हैं
हाँ, वो रूबरू खड़े
हैं मगर फ़ासले तो हैं
हर मोड़ पे मिलेंगे हम
ये दिल लिए हुए
हर बार चाहे तोड़ दो
वो हौसले तो हैं
आखिर को रंग ला गयी
मेरी दुआ-ए-दिल
हम देर से मिले हों सही
लेकिन मिले तो हैं
वो रूबरू खड़े
हैं मगर फ़ासले तो हैं
मंज़िल भी कारवाँ भी तू
और हमसफ़र भी तू
वाकिफ तुम्हीं से प्यार के
सब काफ़िले तो हैं
माना के मंज़िलें अभी
कुछ दूर हैं मगर
मिलकर वफ़ा की राह पे
हम तुम चले तो हैं
वो रूबरू खड़े...
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