Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: स्वानंद किरकिरे
Performed By: दर्शन रावल
हो, कैसे ताने बाने बुने
मेरा दिल जुलाहा
हाँ दिल जुलाहा
ओये होये होये
कभी फाड़े कभी सीये
मेरा दिल जुलाहा
हाँ दिल जुलाहा
कभी लज्जा वाली चुनर
कभी नफ़रत वाला मफ़लर
कभी बुने प्यार का कोमल दुशाला
कभी मस्ती वाला चद्दर
कभी फँसती वाला स्वेटर
नाज़ुक सा सपना बुने दिल जुलाहा
हो, कैसे ताने बाने बुने...
हो पहले प्यार की इक चिड़िया
चहकी मन की बगिया में
चंदा से बरसी चाँदी
कारी अंधेरी रतिया में
हो, इश्क तराना छेड़ा है
साँसों की हर मनिया ने
रंग बिरंगा लागे सब
बेरंगी सी दुनिया में
कभी बहके कभी महके
कभी थिरके कभी दहके
कभी-कभी नाचे है दिल बेतहाशा
कभी रेशम कभी मलमल
कभी खद्दर कभी मख़मल
नाज़ुक सा सपना बुने दिल जुलाहा
हो, कैसे ताने-बाने बुने...
कभी लज्जा वाली चुनर...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...