Music By: अनुराग सैकिया, दुर्गेश सिंह
Lyrics By: अनुराग सैकिया
Performed By: अनुराग सैकिया, राघव चैतन्य
कुछ छिपाए, आहा
कुछ बताए, आहा
कुछ छिपाए, आहा
कुछ बताए, आहा
कभी अकेली है, कभी सहेली है
कभी अकेली है, कभी सहेली है
ऐ ज़िंदगी तू एक पहेली है
आ आ आ आ आहा
आ आ आ आ आहा
आ आ आ आ आहा
कुछ उलझती, आहा
कुछ सुलझती, आहा
कुछ उलझती, आहा
कुछ सुलझती, आहा
अलबेली है, नई नवेली है
अलबेली है, नई नवेली है
ऐ ज़िंदगी तू एक पहेली है...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...