Music By: मीत ब्रोस, निखिल-विनय
Lyrics By: रश्मि विराग, योगेश
Performed By: जुबिन नौटियाल, मीत ब्रोस, निखिल-विनय
रोऊँ या हँसूँ तेरी हरकत पे
या फिर तेरी तारीफ़ करूँ
मेरे दिल से तू ऐसे खेल गया
अब जी ना सकूँ मर भी ना सकूँ
तेरी ज़हर भरी दो आँखों की
मुझे चाल समझ में ना आयी
वफ़ा न रास आयी, तुझे ओ हरजाई
वफ़ा न रास आयी, तुझे ओ हरजाई
सदियों ये ज़माना याद रखेगा
यार तेरी बेवफाई
वफ़ा ना रास आयी, तुझे ओ हरजाई
वफ़ा न रास आई...
वादों की लाशों को, बोल कहाँ दफनाऊँ
ख्वाबों और यादों से, कैसे तुमको मिटाऊँ
क्यूँ ना मैं तुझे पहचान सका
सच तेरे नहीं मैं जान सका
तेरे नूर से जो रौशन था कभी
उस शहर में आग लगाई
वफ़ा ना रास आयी...
जिस-जिस को मोहब्बत रास आयी
वो लोग नसीबों वाले थे
तकदीर के हाथों हार गए
हम जैसे जो थे
सुन यार मेरे ओ हरजाई
हम थोड़े अलग दिल वाले थे
पर जैसा सोचा था हमने
तुम वैसे न थे
तूने वार किया सीधे दिल पे
और पलक भी ना झपकाई
वफ़ा ना रास आयी...
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