Music By: तनिष्क बागची, नुसरत फतह अली खान
Lyrics By: नुसरत फतह अली खान, मनोज मुंतशिर
Performed By: जुबिन नौटियाल
मैंने जब देखा था तुझको
रात भी वो याद है मुझको
तारे गिनते-गिनते सो गया
दिल मेरा धड़का था कस के
कुछ कहा था तूने हँस के
मैं उसी पल तेरा हो गया
आसमानों पे जो खुदा है
उससे मेरी यही दुआ है
चाँद ये हर रोज़ मैं देखूँ
तेरे साथ में
आँख उठी मोहब्बत ने अंगड़ाई ली
दिल का सौदा हुआ चाँदनी रात में
ओ तेरी नज़रों ने कुछ ऐसा जादू किया
लुट गए हम तो पहली मुलाकात में
हो आँख उठी
पाँव रखना ना ज़मीं पर
जान रुक जा तू घड़ी भर
थोड़े तारे तो बिछा दूँ
मैं तेरे वास्ते
आज़मा ले मुझको यारा
तू ज़रा सा कर इशारा
दिल जला के जगमगा दूँ
मैं तेरे रास्ते
हाँ, मेरे जैसा इश्क में पागल
फिर मिले या ना मिले कल
सोचना क्या हाथ ये दे दे
मेरे हाथ में
आँख उठी मोहब्बत ने...
हाँ, किस्से मोहब्बत के
हैं जो किताबों में
सब चाहता हूँ मैं
संग तेरे दोहराना
कितना ज़रूरी है
अब मेरी ख़ातिर तू
मुश्किल है मुश्किल है
लफ़्ज़ों में कह पाना
अब तो ये आलम है
तू जान माँगे तो
मैं शौक से दे दूँ
सौगात में
आँख उठी मोहब्बत ने...
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