Music By: सचेत-परंपरा
Lyrics By: सईद क़ादरी
Performed By: गुरु रंधावा
मेहंदी वाले हाथ वो तेरे, पायल वाले पाँव
मेहंदी वाले हाथ वो तेरे, पायल वाले पाँव
याद बहुत आते हैं मुझको, तू और अपना गाँव
कच्ची पगडंडी के रस्ते, और नीम की छाँव
कच्ची पगडंडी के रस्ते, और नीम की छाँव
याद बहुत आते हैं मुझको, तू और अपना गाँव
मेहंदी वाले हाथ
गाँव का वो तलाब, जहाँ हर रोज़ मिला करता था
बातें करते-करते, तेरी चूड़ी भी गिनता था
तेरी भोली बातें सुनकर, अक्सर मैं हँसता था
याद उन्हें अब भी करता हूँ, शहर में सुबह शाम
याद उन्हें अब भी करता हूँ, शहर में सुबह शाम
याद बहुत आते हैं मुझको...
क्या तूने अब भी रखे हैं, प्रेम के वो संदेस
पत्थर बाँध के छत पर तेरी, देता था जो फेंक
याद मुझे करता है क्या तू, अब भी उनको देख
क्या तेरे होठों को पता है, अब भी मेरा नाम
क्या तेरे होठों को पता है, अब भी मेरा नाम
याद बहुत आते हैं मुझको, तू और अपना गाँव
मेहंदी वाले हाथ वो तेरे, पायल वाले पाँव
मेहंदी वाले हाथ वो तेरे, पायल वाले पाँव
याद बहुत...
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