Music By: मीत ब्रोस
Lyrics By: कुमार
Performed By: सचेत टंडन, मीत ब्रोस
वो दूर जा के कहीं पे आबाद हो गये
हम तो रहे ना कहीं के बर्बाद हो गये
हक में उनके सारी दुआयें हो गयीं
अनसुनी हम कोई फ़रियाद हो गये
मेरी तक़दीर में दर्द थे ही नहीं
दर्द उनके बनाये हुए हैं
इश्क़ में हम
इश्क़ में हम तुम्हें क्या बतायें
किस कदर चोट खाये हुए हैं
इश्क़ में हम तुम्हें क्या बतायें
किस कदर चोट खाये हुए हैं
मौत ने हमको मारा है और हम
ज़िन्दगी के सताये हुए हैं
इश्क़ में हम तुम्हें क्या बतायें
उनको मालूम था दिल है कहाँ
वार धोखे से कर गये वहाँ
था उनको मालूम दिल है कहाँ
वार धोखे से कर गये वहाँ
इतनी महँगी पड़ी आशिकी
के आज दुश्मन है सारा जहाँ
जीत ही थी लिखी उस ख़ुदा ने मेरी
हम तो उनके हराये हुए हैं
इश्क़ में हम तुम्हें क्या बतायें...
वो बेरुख़ी इस तरह कर गये
हम उनको देखे बिना मर गये
वो बेरुख़ी इस तरह कर गये
हम उनको देखे बिना मर गये
हाँ जिनमें रहते थे वो रात दिन
उन निगाहों में अश्क़ भर गये
सामने आके भी हमसे मिलते नहीं
वो तो ऐसे पराये हुए हैं
इश्क़ में हम तुम्हें क्या बतायें...
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