Music By: मीत ब्रोस
Lyrics By: मनोज मुंतशिर
Performed By: जुबिन नौटियाल
ये सोच के दिल मेरा
ज़ोरों से धड़कता है
किसी और की छत पे क्यूँ
मेरा चाँद चमकता है
हम डूब गए जाना
आँखों के पानी में
जाने वो कैसे लोग थे
जिनको किनारा मिला
बेदर्दी से प्यार का
बेदर्दी से प्यार का सहारा ना मिला
सहारा ना मिला
ऐसा बिछड़ा वो मुझको ना दोबारा मिला
बेदर्दी से प्यार का सहारा ना मिला
ऐसा बिछड़ा वो मुझको ना दोबारा मिला
बेदर्दी से प्यार का
हमें प्यार अब दोबारा, होना बहुत है मुश्किल
छोड़ा कहाँ है तुमने, हमको किसी के काबिल
हमने चिराग ले के, छाने हैं रस्ते सारे
पाया नहीं किसी को, दिल में सिवा तुम्हारे
कहते हैं ढूँढो तो, रब भी मिल जाता है
हाए नसीबा इश्क, ना हमको हमारा मिला
बेदर्दी से प्यार का...
हर वक्त अंधेरा है दिल में
चाहे धूप रहे या रात रहे
कुछ भी तो नहीं बदला हममें
बर्बाद थे हम बर्बाद रहे
हम जिसके लिए दुनिया भूले
उसको भी कहाँ हम याद रहे
हमें अपने मुकद्दर से
बस एक शिकायत है
क्या बात हुई
क्यूँ साथ ना हमको तुम्हारा मिला
बेदर्दी से प्यार का...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...