Lyrics By: फ़य्याज़ हाश्मी
Performed By: मेहदी हसन
ऐ दुनिया क्या तुझसे कहें
जा छेड़ न हम दीवानों को
पिघली हुई इस आग में जलकर
मरने दे परवानों को
ऐ दुनिया क्या तुझसे कहें...
वादे झूठे प्यार भी झूठा
झूठे प्यार के रिश्ते हैं
ज़हर पिला कर सुला रहे हैं
हम अपने अरमानों को
जा छेड़ न हम दीवानों को
ऐ दुनिया क्या तुझसे कहें
साथी जिनको लूट गए
और मौत भी जिनसे रूठ गई
लोग शराबी कहते हैं
उन दर्द भरे इंसानों को
जा छेड़ न हम दीवानों को
ऐ दुनिया क्या तुझसे कहें
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