Movie/Album: इन्साफ का तराज़ू (1980)
Music By: रविन्द्र जैन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: आशा भोसले, महेंद्र कपूर
हज़ार ख़्वाब हक़ीक़त का रूप ले लेंगे
मगर ये शर्त है तुम मुस्कुरा के हाँ कह दो
मोहब्बतों में ही दोनों का एक ही मतलब
अदा से ना कहो या मुस्कुरा के हाँ कह दो
हज़ार ख़्वाब हक़ीक़त...
हज़ार ख़्वाब बहारों के और सितारों के
तुम्हारे साथ मेरी ज़िन्दगी में आए हैं
तुम्हारी बाहों के झूले में झूलने के लिए
मचल-मचल के मेरे अंग गुनगुनाये हैं
ये सारे शौक, सारे शौक
ये सारे शौक सदाक़त का रूप ले लेंगे
मगर ये शर्त है तुम मुस्कुरा के हाँ कह दो
हज़ार ख़्वाब हक़ीक़त...
भरेगी मांग तुम्हारी वो दिन भी क्या होगा
सजेगी सेज हवाओं की साँस महकेगी
तुम अपने साथ से सरकाओगे मेरा आँचल
अजीब आग मेरे तन-बदन में दहकेगी
ये सारे शौक सारे शौक...
मैं अपनी जुल्फों के साए बिछाऊँगी तुम पर
मैं तुमपे अपनी जवाँ धड़कनें लुटाऊँगा
मैं सुबह तुमको जगाऊँगी लब पे लब रख कर
मैं तुमको भींच के कुछ और पास लाऊँगा
ये सारे शौक सारे शौक...
हज़ार ख़्वाब हक़ीक़त - Hazar Khwaab Haqeeqat (Asha Bhosle, Mahendra Kapoor, Insaf Ka Tarazu)
Labels:
1980
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Mahendra Kapoor
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Ravindra Jain
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Sahir Ludhianvi
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