Music By: जयदेव
Lyrics By: शहरयार
Performed By: हरिहरन
अजीब सानेहा मुझ पर गुज़र गया यारों
मैं अपने साए से कल रात डर गया यारों
अजीब सानेहा...
हर एक नक़्श तमन्ना का हो गया धुंधला
हर एक ज़ख़्म मेरे दिल का भर गया यारों
अजीब सानेहा...
भटक रही थी जो कश्ती वो ग़र्क-ए-आब हुई
चढ़ा हुआ था जो दरिया वो उतर गया यारों
अजीब सानेहा...
वो कौन था, वो कहाॅं का था, क्या हुआ था उसे
सुना है आज कोई शख़्स मर गया यारों
अजीब सानेहा...
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