Music by: जगजीत सिंह
Lyrics by: अंदलीब शादानी
Performed by: जगजीत सिंह
देर लगी आने में तुमको
शुक्र है फिर भी आए तो
आस ने दिल का साथ न छोड़ा
वैसे हम घबराए तो
शफ़क़ धनक महताब घटाएँ
तारे नग़्मे बिजली फूल
उस दामन में क्या-क्या कुछ है
वो दामन हाथ में आए तो
झूठ है सब तारीख़ हमेशा
अपने को दोहराती है
अच्छा मेरा ख़्वाब-ए-जवानी
थोड़ा सा दोहराए तो
सुनी-सुनाई बात नहीं है
अपने ऊपर बीती है
फूल निकलते हैं शोलों से
चाहत आग लगाए तो
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