Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: जगजीत सिंह
फूलों की तरह लब खोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाॅं में बोल कभी
अल्फ़ाज़ परखता रहता है
आवाज़ हमारी तोल कभी
खिड़की में कटी हैं सब रातें
कुछ चौरस और कुछ गोल कभी
ये दिल भी दोस्त ज़मीं की तरह
हो जाता है डाॅंवा-डोल कभी
ख़ुशबू की ज़ुबाॅं...
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