Music By: हरिहरन
Lyrics By: सईद राही
Performed By: हरिहरन
हुस्न वालों का ख़ुदा लगता है
यार तू सबसे जुदा लगता है
हुस्न वालों का...
ऐसा क्या है तेरी अंगड़ाई में
तू मुझे रोज़ नया लगता है
यार तू...
झील सी तेरी हसीं ऑंखों में
ख़्वाब मेरा ही सजा लगता है
यार तू...
न दुआ है न कोई ख़त न सलाम
वो ज़रा मुझसे ख़फ़ा लगता है
यार तू...
दरमयाँ उसके मेरे ऐ 'राही'
कोई बोले तो बुरा लगता है
यार तू...
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