Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: मुमताज़ राशिद
Performed By: हरिहरन
सब कुछ सुनना कुछ न कहना, कितना मुश्किल है
तुमसे बिछड़ के ज़िंदा रहना, कितना मुश्किल है
सब कुछ सुनना...
जिन राहों पर साथ चले थे हर मौसम में साथी
उन राहों पर तन्हा चलना कितना मुश्किल है
तुमसे बिछड़ के...
क़दमों की रफ़्तार से आगे वक़्त यहाॅं चलता है
शहर में अब लोगों से मिलना कितना मुश्किल है
तुमसे बिछड़ के...
'राशिद' कितनी राहें बदलो पाँव बहक जाते हैं
मयख़ाने से बच के निकलना कितना मुश्किल है
तुमसे बिछड़ के...
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