Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: कौसर मुनीर
Performed By: अरिजीत सिंह
अपना है दिन ये आज का
दुनिया से जा के बोल दो, बोल दो
ऐसे जागो रे साथियों
दुनिया की आँखें खोल दो, खोल दो
लहरा दो, लहरा दो
सरकशी का परचम लहरा दो
गर्दिश में फिर अपनी
सर ज़मीं का परचम लहरा दो
लहरा दो, लहरा दो...
हो हाथ धर के बैठने से
क्या भला कुछ होता है
जा लकीरों को दिखा
क्या ज़ोर बाज़ू होता है
हिम्मत-ए-मर्दां अगर हो
संग खुदा भी होता है
जा ज़माने को दिखा दे
खुद में दम क्या होता
लहरा दो, लहरा दो...
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