Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: फरहत शहज़ाद
Performed By: हरिहरन
शाम है पुर-शबाब पीने दे
ऐ ग़म-ए-दिल शराब पीने दे
शाम है पुर...
मत चुरा आँख सुर्ख़रू हो कर
आज मय बेहिजाब पीने दे
ऐ ग़म-ए-दिल...
मेरे सीने में तेरी धड़कन का
बज रहा है रबाब पीने दे
ऐ ग़म-ए-दिल...
गिन के पीना है जाम की तौहीन
बेहद-ओ-बेहिसाब पीने दे
ऐ ग़म-ए-दिल...
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