Music By: प्रीतम
Lyrics By: कौसर मुनीर
Performed By: केके
ये तो नहीं थी वो सुबह जो
रातों को जिसकी खातिर चले
कटता नहीं है ये रास्ता लो
होते नहीं कम ये फासले
पर कम न होंगे, बढ़ते रहेंगे
ये हौंसले, ये हौंसले
ये हौंसले, ये हौंसले
ये तो नहीं थे वो सवेरे
रातों को जिसकी खातिर जगे
मिल के मिटाएँ जिसके अँधेरे
हमने जलाये दिल के दीये
अब कम न होंगे, बढ़ते रहेंगे
ये हौंसले, ये हौंसले...
जहाँ भी गए मिल के हम वहाँ
लो मंज़िलें मिल रही हैं जहाँ
जो मुश्किलें हो रही हैं फना
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