Movie/Album: ससुराल (1961)
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Peroformed By: मो.रफी
तेरी प्यारी प्यारी सूरत को किसी की नज़र ना लगे
चश्मे बद्दूर
मुखड़े को छुपा लो आँचल में कहीं मेरी नज़र ना लगे
चश्मे बद्दूर...
यूँ ना अकेले फिरा करो सबकी नज़र से डरा करो
फूल से ज्यादा नाज़ुक हो तुम चाल संभलकर चला करो
जुल्फों को गिरा लो गालों पर मौसम की नज़र ना लगे
चश्मे बद्दूर...
एक झलक जो पाता है राही वहीं रुक जाता है
देख के तेरा रूप सलोना चाँद भी सर को झुकाता है
देखा ना करो तुम आइना कहीं ख़ुद की नज़र ना लगे
चश्मे बद्दूर...
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Peroformed By: मो.रफी
तेरी प्यारी प्यारी सूरत को किसी की नज़र ना लगे
चश्मे बद्दूर
मुखड़े को छुपा लो आँचल में कहीं मेरी नज़र ना लगे
चश्मे बद्दूर...
यूँ ना अकेले फिरा करो सबकी नज़र से डरा करो
फूल से ज्यादा नाज़ुक हो तुम चाल संभलकर चला करो
जुल्फों को गिरा लो गालों पर मौसम की नज़र ना लगे
चश्मे बद्दूर...
एक झलक जो पाता है राही वहीं रुक जाता है
देख के तेरा रूप सलोना चाँद भी सर को झुकाता है
देखा ना करो तुम आइना कहीं ख़ुद की नज़र ना लगे
चश्मे बद्दूर...
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