Movie/Album: बिल्लू बार्बर (2009)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: सोहम चक्रबर्ति, आकृति कक्कड़, मोनाली, अभिजीत
रातों रात तारा कोई
चाँद या सितारा कोई
गिरे तो उठा लेना
ओ सुनियो रे
तारा चमकीला होगा
चाँद शर्मीला होगा
नथ में लगा लेना
ज़रा सी सांवरी है वो
ज़रा सी बावरी है वो
वो सुरमें की तरह मेरी
आंखों में ही रहती है
सुबह के ख्वाब से उड़ाई है
पलकों के नीचे छुपाई है
मानो ना मानो तुम
सोते सोते ख्वाबों में भी ख्वाब दिखाती है
मानो ना मानो तुम
परी है वो परी की कहानियाँ सुनाती है
खुदाया खैर...
तू हवा मैं ज़मीन
तू जहाँ मैं वहीँ
जब उड़े मुझे लेके क्यों उड़ती नहीं
तू घटा मैं ज़मीन
तू कहीं मैं कहीं
क्यों कभी मुझे लेके बरसती नहीं
खुदाया खैर...
जब दांत में ऊँगली दबाये
या ऊँगली पे लट लिपटाये
बादल ये निचड़ता जाए
कुछ कर के वो बात को टाले
जब माथे पे वो बल डाले
अम्बर ये सुगड़ता जाए
वो जब नाखून कुतरती है
तो चंदा घटने लगता है
वो पानी पर कदम रखे
सागर भी हट जाता है
खुदाया खैर...
यहाँ से mp3 फॉर्मेट में डाउनलोड करें - खुदाया खैर या खुदाया खैर (Reprise)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: सोहम चक्रबर्ति, आकृति कक्कड़, मोनाली, अभिजीत
रातों रात तारा कोई
चाँद या सितारा कोई
गिरे तो उठा लेना
ओ सुनियो रे
तारा चमकीला होगा
चाँद शर्मीला होगा
नथ में लगा लेना
ज़रा सी सांवरी है वो
ज़रा सी बावरी है वो
वो सुरमें की तरह मेरी
आंखों में ही रहती है
सुबह के ख्वाब से उड़ाई है
पलकों के नीचे छुपाई है
मानो ना मानो तुम
सोते सोते ख्वाबों में भी ख्वाब दिखाती है
मानो ना मानो तुम
परी है वो परी की कहानियाँ सुनाती है
खुदाया खैर...
तू हवा मैं ज़मीन
तू जहाँ मैं वहीँ
जब उड़े मुझे लेके क्यों उड़ती नहीं
तू घटा मैं ज़मीन
तू कहीं मैं कहीं
क्यों कभी मुझे लेके बरसती नहीं
खुदाया खैर...
जब दांत में ऊँगली दबाये
या ऊँगली पे लट लिपटाये
बादल ये निचड़ता जाए
कुछ कर के वो बात को टाले
जब माथे पे वो बल डाले
अम्बर ये सुगड़ता जाए
वो जब नाखून कुतरती है
तो चंदा घटने लगता है
वो पानी पर कदम रखे
सागर भी हट जाता है
खुदाया खैर...
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