Movie/Album: ताज महल (2005)
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: नक्श ल्यालपुरी, स्येद गुलरेज़
Performed By: हरिहरन
अपनी ज़ुल्फें मेरे शानों पे बिखर जाने दो
आज रोको ना मुझे, हद से गुज़र जाने दो
अपनी ज़ुल्फें मेरे शानों पे...
तुम जो आये तो बहारों पे शबाब आया है
इन नज़ारों पे भी हल्का सा नशा छाया है
अपनी आँखों का नशा और भी बढ़ जाने दो
अपनी ज़ुल्फें मेरे शानों पे...
सुर्ख होठों पे गुलाबों का गुमाँ होता है
ऐसा मंज़र हो जहाँ, होश कहाँ रहता है
ये हसीं होंठ मेरे होठों से मिल जाने दो
अपनी ज़ुल्फें मेरे शानों पे...
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: नक्श ल्यालपुरी, स्येद गुलरेज़
Performed By: हरिहरन
अपनी ज़ुल्फें मेरे शानों पे बिखर जाने दो
आज रोको ना मुझे, हद से गुज़र जाने दो
अपनी ज़ुल्फें मेरे शानों पे...
तुम जो आये तो बहारों पे शबाब आया है
इन नज़ारों पे भी हल्का सा नशा छाया है
अपनी आँखों का नशा और भी बढ़ जाने दो
अपनी ज़ुल्फें मेरे शानों पे...
सुर्ख होठों पे गुलाबों का गुमाँ होता है
ऐसा मंज़र हो जहाँ, होश कहाँ रहता है
ये हसीं होंठ मेरे होठों से मिल जाने दो
अपनी ज़ुल्फें मेरे शानों पे...
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