Movie/Album: मौसम (2011)
Music By: प्रीतम चक्रवर्तीLyrics By: इरशाद कामिल
Performed By: शाहिद माल्या
कोई दिल बेकाबू कर गया
और इश्काँ दिल में भर गया
आँखों-आँखों में वो लाखों गल्लां कर गया ओये
ओ रब्बा मैं तो मर गया ओये
शदायी मुझे कर गया, कर गया...
अब दिल चाहे ख़ामोशी के होठों पे मैं लिख दूँ
प्यारी सी बातें कई
कुछ पल मेरे नाम करे वो, मैं भी उसके नाम पे
लिखूँ मुलाकातें कई
पहली ही तकनी में बन गयी जान पे
नैणा-वैणा उसके मेरे दिल पे छपे
अब जाऊँ कहाँ पे, दिल रुका है वहाँ पे
जहाँ देख के मुझे वो आगे बढ़ गया
ओ रब्बा मैं तो...
मौसम के आज़ाद परिंदे, हाथों में है उसके
या वो बहारों सी है
सर्दी की वो धूप के जैसी, गर्मी की शाम है
पहली फुहारों सी है
मेरे प्यार का मौसम भी है, लगे मेरी महरम भी है.
जाने क्या क्या दो आँखों में मैं पढ़ गया
ओ रब्बा मैं तो...
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