Movie/Album: ज़ंजीर (1973)
Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: गुलशन बावरा
Performed By: मन्ना डे
ग़र ख़ुदा मुझसे कहे
कुछ माँग ऐ बंदे मेरे
मैं ये माँगूँ
महफ़िलों के दौर यूँ चलते रहें
हमप्याला हो, हमनवाला हो, हमसफ़र हमराज़ हों
ता-क़यामत जो चिराग़ों की तरह जलते रहें
यारी है ईमान मेरा यार मेरी ज़िंदगी
प्यार हो बंदों से ये सबसे बड़ी है बंदगी
साज़-ए-दिल छेड़ो जहां में, प्यार की गूँजे सदा
जिन दिलों में प्यार है उनसे बहारें हों फ़िदा
प्यार लेके नूर आया, प्यार लेके सादगी
यारी है ईमान मेरा...
जान भी जाए अगर, यारी में यारों ग़म नहीं
अपने होते यार हो ग़मगीन, मतलब हम नहीं
हम जहाँ हैं उस जगह, झूमेगी नाचेगी ख़ुशी
यारी है ईमान मेरा...
गुल-ए-गुलज़ार क्यों बेज़ार नज़र आता है
चश्म-ए-बद का शिकार यार नज़र आता है
छुपा न हमसे, ज़रा हाल-ए-दिल सुना दे तू
तेरी हँसी की क़ीमत क्या है, ये बता दे तू
कहे तो आसमाँ से चाँद-तारे ले आऊँ
हंसी जवान और दिलकश नज़ारे ले आऊँ
ओए! ओए! क़ुर्बान
तेरा ममनून हूँ, तूने निभाया याराना
तेरी हँसी है आज सबसे बड़ा नज़राना
यार के हँसते ही, महफ़िल पे जवानी आ गई, आ गई
यारी है ईमान मेरा...
लो शेर! कुरबां! कुरबां!
Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: गुलशन बावरा
Performed By: मन्ना डे
ग़र ख़ुदा मुझसे कहे
कुछ माँग ऐ बंदे मेरे
मैं ये माँगूँ
महफ़िलों के दौर यूँ चलते रहें
हमप्याला हो, हमनवाला हो, हमसफ़र हमराज़ हों
ता-क़यामत जो चिराग़ों की तरह जलते रहें
यारी है ईमान मेरा यार मेरी ज़िंदगी
प्यार हो बंदों से ये सबसे बड़ी है बंदगी
साज़-ए-दिल छेड़ो जहां में, प्यार की गूँजे सदा
जिन दिलों में प्यार है उनसे बहारें हों फ़िदा
प्यार लेके नूर आया, प्यार लेके सादगी
यारी है ईमान मेरा...
जान भी जाए अगर, यारी में यारों ग़म नहीं
अपने होते यार हो ग़मगीन, मतलब हम नहीं
हम जहाँ हैं उस जगह, झूमेगी नाचेगी ख़ुशी
यारी है ईमान मेरा...
गुल-ए-गुलज़ार क्यों बेज़ार नज़र आता है
चश्म-ए-बद का शिकार यार नज़र आता है
छुपा न हमसे, ज़रा हाल-ए-दिल सुना दे तू
तेरी हँसी की क़ीमत क्या है, ये बता दे तू
कहे तो आसमाँ से चाँद-तारे ले आऊँ
हंसी जवान और दिलकश नज़ारे ले आऊँ
ओए! ओए! क़ुर्बान
तेरा ममनून हूँ, तूने निभाया याराना
तेरी हँसी है आज सबसे बड़ा नज़राना
यार के हँसते ही, महफ़िल पे जवानी आ गई, आ गई
यारी है ईमान मेरा...
लो शेर! कुरबां! कुरबां!
यारी को समर्पित ये अनमोल पंक्तीयां
ReplyDeleteआज भी शायरी के उस सुनहरे दौर की निशानियां हैं
मित्रांचे गाणे👌✌️😆😉😉😉👍
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