Movie/Album: एजेंट विनोद (2012)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: अर्जित सिंह, श्रेया घोषाल, हम्सिका अय्यर
कहते हैं खुदा ने इस जहां में सभी के लिए
किसी ना किसी को है बनाया हर किसी के लिए
तेरा मिलना है उस रब का इशारा
मानो मुझको बनाया तेरे जैसे ही किसी के लिए
कुछ तो है तुझसे राबता
कुछ तो है तुझसे राबता
कैसे हम जानें, हमें क्या पता
कुछ तो है तुझसे राबता
तू हमसफ़र है, फिर क्या फिकर है
जीने की वजह यही है, मरना इसी के लिए
कहते हैं खुदा ने...
मेहरबानी जाते-जाते मुझपे कर गया
गुज़रता सा लम्हां एक दामन भर गया
तेरे नज़ारा मिला, रोशन सितारा मिला
तकदीर की कश्तियों को किनारा मिला
सदियों से तरसे हैं, जैसी ज़िन्दगी के लिए
तेरी सोहबत में दुआएं हैं उसी के लिए
तेरा मिलना है...
Raabta (Night In Motel) (Hamsika, Arijit)
फैली थी सियाह रातें, आया तू सुबह ले के
खामखां सी ज़िन्दगी में, जीने की वजह ले के
खोया था समन्दरों में, तन्हाँ सफीना मेरा
साहिलों पे आया है, तू जाने किस तरह ले के
कुछ तो है तुझसे राबता, कुछ तो है तुझसे राबता
कैसे हम जाने हमें क्या पता
कुछ तो है तुझसे राबता
अब क्या है कहना, हमको है रहना
जन्नतें भुला के तेरी बाहों में पनाह ले के
फैली थी सियाह...
मेहरबानी जाते-जाते मुझपे कर गया
गुज़रता सा लम्हां एक दामन भर गया
तेरे नज़ारा मिला, रोशन सितारा मिला
तकदीर का जैसे कोई इशारा मिला
रूठी हुई ख्वाहिशों में, थोड़ी सी सुलह ले के
आया तू खामोशियों में, बातों कि जिरह ले के
खोया था समुन्दरों में, तन्हाँ सफीना मेरा
साहिलों पे आया है, तू जाने किस तरह हाँ ले के
कुछ तो है तुझसे राबता...
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: अर्जित सिंह, श्रेया घोषाल, हम्सिका अय्यर
कहते हैं खुदा ने इस जहां में सभी के लिए
किसी ना किसी को है बनाया हर किसी के लिए
तेरा मिलना है उस रब का इशारा
मानो मुझको बनाया तेरे जैसे ही किसी के लिए
कुछ तो है तुझसे राबता
कुछ तो है तुझसे राबता
कैसे हम जानें, हमें क्या पता
कुछ तो है तुझसे राबता
तू हमसफ़र है, फिर क्या फिकर है
जीने की वजह यही है, मरना इसी के लिए
कहते हैं खुदा ने...
मेहरबानी जाते-जाते मुझपे कर गया
गुज़रता सा लम्हां एक दामन भर गया
तेरे नज़ारा मिला, रोशन सितारा मिला
तकदीर की कश्तियों को किनारा मिला
सदियों से तरसे हैं, जैसी ज़िन्दगी के लिए
तेरी सोहबत में दुआएं हैं उसी के लिए
तेरा मिलना है...
Raabta (Night In Motel) (Hamsika, Arijit)
फैली थी सियाह रातें, आया तू सुबह ले के
खामखां सी ज़िन्दगी में, जीने की वजह ले के
खोया था समन्दरों में, तन्हाँ सफीना मेरा
साहिलों पे आया है, तू जाने किस तरह ले के
कुछ तो है तुझसे राबता, कुछ तो है तुझसे राबता
कैसे हम जाने हमें क्या पता
कुछ तो है तुझसे राबता
अब क्या है कहना, हमको है रहना
जन्नतें भुला के तेरी बाहों में पनाह ले के
फैली थी सियाह...
मेहरबानी जाते-जाते मुझपे कर गया
गुज़रता सा लम्हां एक दामन भर गया
तेरे नज़ारा मिला, रोशन सितारा मिला
तकदीर का जैसे कोई इशारा मिला
रूठी हुई ख्वाहिशों में, थोड़ी सी सुलह ले के
आया तू खामोशियों में, बातों कि जिरह ले के
खोया था समुन्दरों में, तन्हाँ सफीना मेरा
साहिलों पे आया है, तू जाने किस तरह हाँ ले के
कुछ तो है तुझसे राबता...
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