Movie/Album: काई पो छे (2013)
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: स्वानंद किरकिरे
Performed By: अमित त्रिवेदी
रूठे ख़्वाबों को मना लेंगे
कटी पतंगों को थामेंगे
हो हो है जज़्बा, हो हो है जज़्बा
सुलझा लेंगे उलझे रिश्तों का मांझा
सोयी तकदीरें जगा देंगे
कल को अम्बर भी झुका देंगे
हो हो है जज़्बा, हो हो है जज़्बा
सुलझा लेंगे उलझे रिश्तों का मांझा
हो हो बर्फीली आँखों में
पिघला सा देखेंगे हम कल का चेहरा
हो हो पथरीले सीने में
उबला सा देखेंगे हम लावा गहरा
अगन लगी, लगन लगी
टूटे ना टूटे ना जज़्बा ये टूटे ना
मगन लगी, लगन लगी
कल होगा क्या
कह दो किसको है परवाह
रूठे ख़्वाबों को मना लेंगे..
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: स्वानंद किरकिरे
Performed By: अमित त्रिवेदी
रूठे ख़्वाबों को मना लेंगे
कटी पतंगों को थामेंगे
हो हो है जज़्बा, हो हो है जज़्बा
सुलझा लेंगे उलझे रिश्तों का मांझा
सोयी तकदीरें जगा देंगे
कल को अम्बर भी झुका देंगे
हो हो है जज़्बा, हो हो है जज़्बा
सुलझा लेंगे उलझे रिश्तों का मांझा
हो हो बर्फीली आँखों में
पिघला सा देखेंगे हम कल का चेहरा
हो हो पथरीले सीने में
उबला सा देखेंगे हम लावा गहरा
अगन लगी, लगन लगी
टूटे ना टूटे ना जज़्बा ये टूटे ना
मगन लगी, लगन लगी
कल होगा क्या
कह दो किसको है परवाह
रूठे ख़्वाबों को मना लेंगे..
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...