Movie/Album: दो जासूस (1975)
Music By: रविन्द्र जैन
Lyrics By: हसरत जयपुरी, रविन्द्र जैन
Performed By: मुकेश, मो.रफ़ी
साल मुबारक साहेब जी
लो लो आज पियो हँस के
दो घूंट सोमरस के
के साल भर इसका नशा रहेगा
जो आज पिये पिता सदा रहेगा
साल मुबारक साहेब जी...
अपने चेहरे से पर्दा हटाओ, रोशनी से निगाहें मिलाओ
चाँद की दूरियाँ तय हुई हैं, एक दूजे के नजदीक आओ
साल मुबाराज पापा जी, साल मुबारक काका जी
लो लो आज पियो...
और जो आज हँसे, हँसे जो
जो आज हँसे हँसता सदा रहेगा
साल मुबारक साहेब जी...
भूलकर अपने गम की कहानी, सब में मिल जाओ जैसे के पानी
ओ चार दिन की है ये जिंदगानी, इसमें भर लो रे भर लो जवानी
साल मुबारक साहेब जी
लो लो आज पियो...
जो आज मिले, मिले जो
जो आज मिले मिलता सदा रहेगा
साल मुबारक साहेब जी...
हमसे वाकिफ़ है सारा जमाना, नाम क्या है किसी ने ना जाना
काम लोगों के बिगड़े बनाना, यारों धंधा है अपना पुराना
काम बताना साहब जी, भूल ना जाना साहेब जी
लो लो आज पियो...
और जो आज गाये, गाता सदा रहेगा
साल मुबारक साहेब जी...
Music By: रविन्द्र जैन
Lyrics By: हसरत जयपुरी, रविन्द्र जैन
Performed By: मुकेश, मो.रफ़ी
साल मुबारक साहेब जी
लो लो आज पियो हँस के
दो घूंट सोमरस के
के साल भर इसका नशा रहेगा
जो आज पिये पिता सदा रहेगा
साल मुबारक साहेब जी...
अपने चेहरे से पर्दा हटाओ, रोशनी से निगाहें मिलाओ
चाँद की दूरियाँ तय हुई हैं, एक दूजे के नजदीक आओ
साल मुबाराज पापा जी, साल मुबारक काका जी
लो लो आज पियो...
और जो आज हँसे, हँसे जो
जो आज हँसे हँसता सदा रहेगा
साल मुबारक साहेब जी...
भूलकर अपने गम की कहानी, सब में मिल जाओ जैसे के पानी
ओ चार दिन की है ये जिंदगानी, इसमें भर लो रे भर लो जवानी
साल मुबारक साहेब जी
लो लो आज पियो...
जो आज मिले, मिले जो
जो आज मिले मिलता सदा रहेगा
साल मुबारक साहेब जी...
हमसे वाकिफ़ है सारा जमाना, नाम क्या है किसी ने ना जाना
काम लोगों के बिगड़े बनाना, यारों धंधा है अपना पुराना
काम बताना साहब जी, भूल ना जाना साहेब जी
लो लो आज पियो...
और जो आज गाये, गाता सदा रहेगा
साल मुबारक साहेब जी...
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