Lyrics By: मोईन नज़र
Performed By: गुलाम अली
इतना टूटा हूँ के छूने से बिखर जाऊँगा
अब अगर और दुआ दोगे तो मर जाऊँगा
पूछकर मेरा पता वक्त रायदा न करो
मैं तो बंजारा हूँ क्या जाने किधर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ के...
हर तरफ़ धुंध है, जुगनू है, न चराग कोई
कौन पहचानेगा बस्ती में अगर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ के...
ज़िन्दगी मैं भी मुसाफिर हूँ तेरी कश्ती का
तू जहाँ मुझसे कहेगी मैं उतर जाऊँग
इतना टूटा हूँ के...
फूल रह जायेंगे गुलदानों में यादों की नज़र
मै तो खुशबु हूँ फिज़ाओं में बिखर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ के...
Performed By: गुलाम अली
इतना टूटा हूँ के छूने से बिखर जाऊँगा
अब अगर और दुआ दोगे तो मर जाऊँगा
पूछकर मेरा पता वक्त रायदा न करो
मैं तो बंजारा हूँ क्या जाने किधर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ के...
हर तरफ़ धुंध है, जुगनू है, न चराग कोई
कौन पहचानेगा बस्ती में अगर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ के...
ज़िन्दगी मैं भी मुसाफिर हूँ तेरी कश्ती का
तू जहाँ मुझसे कहेगी मैं उतर जाऊँग
इतना टूटा हूँ के...
फूल रह जायेंगे गुलदानों में यादों की नज़र
मै तो खुशबु हूँ फिज़ाओं में बिखर जाऊँगा
इतना टूटा हूँ के...
very nic
ReplyDeleteVery nice gazal
ReplyDeleteबहुत जबरदस्त अनुपमापूर्व
ReplyDeleteJindgi issi ka naam hai doston
ReplyDeleteएक सराहनीय सुन्दर कार्य !!! इसे यूँ ही पूर्ववत करते रहियेI
ReplyDeleteDil dil tak yahi dostno
ReplyDeleteJitni bhi tarif kro kam hai
ReplyDeleteBahut hi khubsurat ghazal😄😄😄
ReplyDeleteHeart touching
ReplyDeleteEast ho ya west our old ghazal singer is the best
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर गायकी
ReplyDeleteIt is not rayeda, correct word is rayenga
ReplyDeleteHeart touching gazal ...
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