Movie/Album: बादशाह (1999)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: समीर
Performed By: अभिजीत
कहीं ज़ुल्फ़ का बादल ओहो, कहीं रंगीं आँचल आहा
कहीं होंठ गुलाबी ओहो, कहीं चाल शराबी आहा
कहीं आँख में जादू ओहो, कहीं जिस्म की ख़ुश्बू आहा
कहीं नर्म निगाहें ओहो, कहीं गोरी बाहें आहा
हाँ यहाँ कदम कदम पर लाखों हसीनाएँ हैं
हम मगर ये दिल का तोहफ़ा देने उसे आए हैं
वो लड़की जो सबसे अलग है
कितने ही जलवे हैं
आँखों में घुलती है जिनसे चाँदनी
कितनी ही बातें हैं
कानों में घुलती है जिनसे रागिनी
ये चले जैसे ज़रा बलखा के
वो चले जैसे ज़रा इठला के
ये मिले जैसे ज़रा शरमा के
वो मिले जैसे ज़रा इतरा के
हाँ यहाँ कदम कदम...
गुलशन की है वो कली
जो सारे फूलों से बिल्कुल है जुदा
क्या कहिये, हो देखा है
इन आँखों ने उसमें ऐसा रूप क्या
क्या अजीब सी ताज़गी है
क्या हसीन सी सादगी है
क्या अजीब सी दिलकशी है
क्या हसीन सी दिलबरी है
हाँ यहाँ कदम कदम...
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: समीर
Performed By: अभिजीत
कहीं ज़ुल्फ़ का बादल ओहो, कहीं रंगीं आँचल आहा
कहीं होंठ गुलाबी ओहो, कहीं चाल शराबी आहा
कहीं आँख में जादू ओहो, कहीं जिस्म की ख़ुश्बू आहा
कहीं नर्म निगाहें ओहो, कहीं गोरी बाहें आहा
हाँ यहाँ कदम कदम पर लाखों हसीनाएँ हैं
हम मगर ये दिल का तोहफ़ा देने उसे आए हैं
वो लड़की जो सबसे अलग है
कितने ही जलवे हैं
आँखों में घुलती है जिनसे चाँदनी
कितनी ही बातें हैं
कानों में घुलती है जिनसे रागिनी
ये चले जैसे ज़रा बलखा के
वो चले जैसे ज़रा इठला के
ये मिले जैसे ज़रा शरमा के
वो मिले जैसे ज़रा इतरा के
हाँ यहाँ कदम कदम...
गुलशन की है वो कली
जो सारे फूलों से बिल्कुल है जुदा
क्या कहिये, हो देखा है
इन आँखों ने उसमें ऐसा रूप क्या
क्या अजीब सी ताज़गी है
क्या हसीन सी सादगी है
क्या अजीब सी दिलकशी है
क्या हसीन सी दिलबरी है
हाँ यहाँ कदम कदम...
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