Movie/Album: बजरंगी भाईजान (2015)
Music By: प्रीतम चक्रवर्ती
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: आतिफ असलम
हाल-ए-दिल को सुकूं चाहिए
पूरी इक आरज़ू चाहिए
जैसे पहले कभी कुछ भी चाहा नहीं
वैसे ही क्यों चाहिए
दिल को तेरी मौजूदगी
का एहसास यूँ चाहिए
तू चाहिए, तू चाहिए
शाम-ओ-सुबह तु चाहिए
तू चाहिए, तू चाहिए
हर मर्तबा तू चाहिए
जितनी दफ़ा ज़िद्द हो मेरी
उतनी दफ़ा हाँ तू चाहिए
कोई और दूजा क्यूँ मुझे, ना तेरे सिवा चाहिए
हर सफर में मुझे, तू ही रहनुमा चाहिए
जीने को बस मुझे, तू ही मेहरबां चाहिए
हो सीने में अगर तू दर्द है, ना कोई दवा चाहिए
तू लहू की तरह, रगों में रवां चाहिए
अंजाम जो चाहे मेरा, हो आगाज़ यूँ चाहिए
तू चाहिए, तू चाहिए...
मेरे ज़ख्मों को तेरी छुअन चाहिए
मेरी शम्मा को तेरी अगन चाहिए
मेरे ख्वाब के आशियाने में तू चाहिए
मैं खोलूँ जो आँखें सिरहाने भी तू चाहिए
वो हो..
Music By: प्रीतम चक्रवर्ती
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: आतिफ असलम
हाल-ए-दिल को सुकूं चाहिए
पूरी इक आरज़ू चाहिए
जैसे पहले कभी कुछ भी चाहा नहीं
वैसे ही क्यों चाहिए
दिल को तेरी मौजूदगी
का एहसास यूँ चाहिए
तू चाहिए, तू चाहिए
शाम-ओ-सुबह तु चाहिए
तू चाहिए, तू चाहिए
हर मर्तबा तू चाहिए
जितनी दफ़ा ज़िद्द हो मेरी
उतनी दफ़ा हाँ तू चाहिए
कोई और दूजा क्यूँ मुझे, ना तेरे सिवा चाहिए
हर सफर में मुझे, तू ही रहनुमा चाहिए
जीने को बस मुझे, तू ही मेहरबां चाहिए
हो सीने में अगर तू दर्द है, ना कोई दवा चाहिए
तू लहू की तरह, रगों में रवां चाहिए
अंजाम जो चाहे मेरा, हो आगाज़ यूँ चाहिए
तू चाहिए, तू चाहिए...
मेरे ज़ख्मों को तेरी छुअन चाहिए
मेरी शम्मा को तेरी अगन चाहिए
मेरे ख्वाब के आशियाने में तू चाहिए
मैं खोलूँ जो आँखें सिरहाने भी तू चाहिए
वो हो..
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...