Movie/Album: पाकीज़ा (1971)
Music By: ग़ुलाम मोहम्मद
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: लता मंगेशकर
चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आई है
ये मुलाक़ात बड़ी देर के बाद आई है
आज की रात वो आए हैं बड़ी देर के बाद
आज की रात बड़ी देर के बाद आई है
ठाड़े रहियो ओ बाँके यार रे
ठाड़े रहियो, ठाड़े रहियो
ठहरो लगाईया, नैनों में कजरा
चोटी में गूँध आऊँ फूलों का गजरा
मैं तो कर आऊँ सोलह श्रृंगार रे
ठाड़े रहियो...
जागे न कोई, रैना है थोड़ी
बोले छमाछम पायल निगोड़ी
अजी धीरे से खोलूँगी द्वार रे
सैयाँ धीरे से
मैं तो चुपके से
अजी हौले से खोलूँगी द्वार रे
ठाड़े रहियो...
Music By: ग़ुलाम मोहम्मद
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: लता मंगेशकर
चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आई है
ये मुलाक़ात बड़ी देर के बाद आई है
आज की रात वो आए हैं बड़ी देर के बाद
आज की रात बड़ी देर के बाद आई है
ठाड़े रहियो ओ बाँके यार रे
ठाड़े रहियो, ठाड़े रहियो
ठहरो लगाईया, नैनों में कजरा
चोटी में गूँध आऊँ फूलों का गजरा
मैं तो कर आऊँ सोलह श्रृंगार रे
ठाड़े रहियो...
जागे न कोई, रैना है थोड़ी
बोले छमाछम पायल निगोड़ी
अजी धीरे से खोलूँगी द्वार रे
सैयाँ धीरे से
मैं तो चुपके से
अजी हौले से खोलूँगी द्वार रे
ठाड़े रहियो...
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