Movie/Album: अनीता (1967)
Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics By: राजा मेहदी अली खान
Performed By: मुकेश
तुम बिन जीवन कैसे बीता
पूछो मेरे दिल से
पूछो मेरे दिल से
सावन के दिन आए, बीती यादें लाए
कौन झुकाकर आँखें, मुझको पास बिठाए
कैसा था प्यारा रूप तुम्हारा
पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से
तुम बिन जीवन कैसे...
प्रेम का सागर हाय, चारों तरफ़ लहराए
जितना आगे जाऊँ, गहरा होता जाए
ग़म के भंवर में, क्या-क्या डूबा
पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से
तुम बिन जीवन कैसे...
जैसे जुगनूँ बन में, तू चमके अँसुवन में
बन कर फूल खिली हो, जाने किस बगियन में
मैं अपनी किस्मत पे रोया
पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से
तुम बिन जीवन कैसे...
Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics By: राजा मेहदी अली खान
Performed By: मुकेश
तुम बिन जीवन कैसे बीता
पूछो मेरे दिल से
पूछो मेरे दिल से
सावन के दिन आए, बीती यादें लाए
कौन झुकाकर आँखें, मुझको पास बिठाए
कैसा था प्यारा रूप तुम्हारा
पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से
तुम बिन जीवन कैसे...
प्रेम का सागर हाय, चारों तरफ़ लहराए
जितना आगे जाऊँ, गहरा होता जाए
ग़म के भंवर में, क्या-क्या डूबा
पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से
तुम बिन जीवन कैसे...
जैसे जुगनूँ बन में, तू चमके अँसुवन में
बन कर फूल खिली हो, जाने किस बगियन में
मैं अपनी किस्मत पे रोया
पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से
तुम बिन जीवन कैसे...
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