Movie/Album: सुन सुन सुन दीदी (1980)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: आशा भोंसले
सुन सुन सुन दीदी तेरे लिए
एक रिश्ता आया है
सुन सुन सुन लड़के में क्या गुण
सुन सुन दीदी सुन
हे सुन सुन सुन दीदी...
अच्छे घर का लड़का है पर हक-हकलाता है
प-प-प्यारी अंजू, ज़रा पा-पा-पास तो आ
अच्छे घर का लड़का है पर हक-हकलाता है
मुँह पर दाग हैं चेचक के और पान चबाता है
पान चबाता है जब थोड़ी पी कर आता है
पीता है जब जुए में वो हार के आता है
ताश भी रोज़ कहाँ बस कभी-कभी ही होती है
अच्छा डाका पड़े तभी तो रम्मी होती है
रोज़ कहाँ ऐसा होता है डाके पड़ते हैं
आधे दिन तो बेचारे के जेल में कटते हैं
सुन सुन सुन लड़के में...
उसका बस चले तो जेल भी तोड़ के आएगा
सीटी एक बजा दोगी तो दौड़ के आएगा
सास ज़रा कम सुनती है पर बोलती ऊँचा है
ससुरा ठीक ही सुनता है पर मुँह से गूंगा है
सुन सुन सुन लड़के में...
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: आशा भोंसले
सुन सुन सुन दीदी तेरे लिए
एक रिश्ता आया है
सुन सुन सुन लड़के में क्या गुण
सुन सुन दीदी सुन
हे सुन सुन सुन दीदी...
अच्छे घर का लड़का है पर हक-हकलाता है
प-प-प्यारी अंजू, ज़रा पा-पा-पास तो आ
अच्छे घर का लड़का है पर हक-हकलाता है
मुँह पर दाग हैं चेचक के और पान चबाता है
पान चबाता है जब थोड़ी पी कर आता है
पीता है जब जुए में वो हार के आता है
ताश भी रोज़ कहाँ बस कभी-कभी ही होती है
अच्छा डाका पड़े तभी तो रम्मी होती है
रोज़ कहाँ ऐसा होता है डाके पड़ते हैं
आधे दिन तो बेचारे के जेल में कटते हैं
सुन सुन सुन लड़के में...
उसका बस चले तो जेल भी तोड़ के आएगा
सीटी एक बजा दोगी तो दौड़ के आएगा
सास ज़रा कम सुनती है पर बोलती ऊँचा है
ससुरा ठीक ही सुनता है पर मुँह से गूंगा है
सुन सुन सुन लड़के में...
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