Movie/Album: डुप्लीकेट (1998)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: अल्का याग्निक, शंकर महादेवन, उदित नारायण
कह रही है, हे कह रही है
ये नशीली, ये रंगीली, ये सजीली शाम
कह रहे हैं, हाँ कह रहे हैं
ये नशीले, ये छलकते, ये ढलकते जाम
तुम नहीं जाना, तुम नहीं जाना
सुन लो ऐ जाना, तुम नहीं जाना
कह रही है...
आज दरवाज़े के बाहर सिर्फ हैं मुश्किल
मिट गये सब रास्ते और खोई हर मंज़िल
आस्तीनों में छुपाये ज़हर के खंजर
घूमते हैं, ढूँढते हैं, तुमको ही कातिल
तुम नहीं जाना...
जानता हूँ आज ज़हरीली हवाएँ हैं
जानता हूँ मेरी दुश्मन सब दिशायें हैं
जो भी हो लेकिन मुझे मंज़िल को पाना है
मैं मुसाफ़िर हूँ, मेरी भी कुछ अदायें हैं
ऐ हसीना, महजबीं तू, दिलनशीं तू
दिल है तेरे नाम
ऐ हसीना, मैं मुसाफ़िर, आऊँगा फिर
आज है कुछ काम
मुझको है जाना, मुझको है जाना
तुम नहीं जाना...
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: अल्का याग्निक, शंकर महादेवन, उदित नारायण
कह रही है, हे कह रही है
ये नशीली, ये रंगीली, ये सजीली शाम
कह रहे हैं, हाँ कह रहे हैं
ये नशीले, ये छलकते, ये ढलकते जाम
तुम नहीं जाना, तुम नहीं जाना
सुन लो ऐ जाना, तुम नहीं जाना
कह रही है...
आज दरवाज़े के बाहर सिर्फ हैं मुश्किल
मिट गये सब रास्ते और खोई हर मंज़िल
आस्तीनों में छुपाये ज़हर के खंजर
घूमते हैं, ढूँढते हैं, तुमको ही कातिल
तुम नहीं जाना...
जानता हूँ आज ज़हरीली हवाएँ हैं
जानता हूँ मेरी दुश्मन सब दिशायें हैं
जो भी हो लेकिन मुझे मंज़िल को पाना है
मैं मुसाफ़िर हूँ, मेरी भी कुछ अदायें हैं
ऐ हसीना, महजबीं तू, दिलनशीं तू
दिल है तेरे नाम
ऐ हसीना, मैं मुसाफ़िर, आऊँगा फिर
आज है कुछ काम
मुझको है जाना, मुझको है जाना
तुम नहीं जाना...
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