Movie/Album: रावड़ी राठौर (2012)
Music By: साजिद-वाजिद
Lyrics By: समीर अनजान
Performed By: सरोश सामी, ममता शर्मा
आ रे प्रीतम प्यारे
बन्दुक में ना तो गोली मेरे
आ रे प्रीतम प्यारे
सब आग तो मेरी चोली में रे
ज़रा हुक्का उठा, ज़रा चिलम जला
पल्लू के नीचे छुपा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो
पल्लू के नीचे दबा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो
जोबन से अपने दुपट्टा गिरा दूँ तो
कमले कुवारों का चेहरा खिले
हाय मैं आँख मारूँ तो नोटों की बारिश हो
लख जो हिला दूँ तो जिल्ला हिले
ज़रा टूटी बजा, ज़रा ठुमका लगा
पल्लू के नीचे...
मैं तो हूँ जंगल की नाज़ुक हिरनिया रे
खूंखार जालिम शिकारी है तू
अरे काटे सुपारी बना के मुझे
जो बेदर्द आरी रे आरी है तू
उना गड्डी दिखा, उना बॉडी दिखा
पल्लू के नीचे...
Music By: साजिद-वाजिद
Lyrics By: समीर अनजान
Performed By: सरोश सामी, ममता शर्मा
आ रे प्रीतम प्यारे
बन्दुक में ना तो गोली मेरे
आ रे प्रीतम प्यारे
सब आग तो मेरी चोली में रे
ज़रा हुक्का उठा, ज़रा चिलम जला
पल्लू के नीचे छुपा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो
पल्लू के नीचे दबा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो
जोबन से अपने दुपट्टा गिरा दूँ तो
कमले कुवारों का चेहरा खिले
हाय मैं आँख मारूँ तो नोटों की बारिश हो
लख जो हिला दूँ तो जिल्ला हिले
ज़रा टूटी बजा, ज़रा ठुमका लगा
पल्लू के नीचे...
मैं तो हूँ जंगल की नाज़ुक हिरनिया रे
खूंखार जालिम शिकारी है तू
अरे काटे सुपारी बना के मुझे
जो बेदर्द आरी रे आरी है तू
उना गड्डी दिखा, उना बॉडी दिखा
पल्लू के नीचे...
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