Movie/Album: आप की परछाईयाँ (1964)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजा मेहदी अली खान
Performed By: लता मंगेशकर
अगर मुझसे मुहब्बत है
मुझे सब अपने ग़म दे दो
इन आँखों का हर इक आँसू
मुझे मेरी क़सम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत...
तुम्हारे ग़म को अपना ग़म बना लूँ तो क़रार आए
तुम्हारा दर्द सीने में छुपा लूँ तो क़रार आए
वो हर शय जो तुम्हें दुःख दे, मुझे मेरे सनम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत...
शरीक-ए-ज़िंदगी को क्यूँ शरीक-ए-ग़म नहीं करते
दुखों को बाँट कर क्यूँ इन दुखों को कम नहीं करते
तड़प इस दिल की थोड़ी सी, मुझे मेरे सनम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत...
इन आँखों में ना अब मुझको कभी आँसूँ नज़र आए
सदा हँसती रहे आँखें, सदा ये होंठ मुस्काये
मुझे अपनी सभी आहें, सभी दर्द-ओ-अलम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत...
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजा मेहदी अली खान
Performed By: लता मंगेशकर
अगर मुझसे मुहब्बत है
मुझे सब अपने ग़म दे दो
इन आँखों का हर इक आँसू
मुझे मेरी क़सम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत...
तुम्हारे ग़म को अपना ग़म बना लूँ तो क़रार आए
तुम्हारा दर्द सीने में छुपा लूँ तो क़रार आए
वो हर शय जो तुम्हें दुःख दे, मुझे मेरे सनम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत...
शरीक-ए-ज़िंदगी को क्यूँ शरीक-ए-ग़म नहीं करते
दुखों को बाँट कर क्यूँ इन दुखों को कम नहीं करते
तड़प इस दिल की थोड़ी सी, मुझे मेरे सनम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत...
इन आँखों में ना अब मुझको कभी आँसूँ नज़र आए
सदा हँसती रहे आँखें, सदा ये होंठ मुस्काये
मुझे अपनी सभी आहें, सभी दर्द-ओ-अलम दे दो
अगर मुझसे मुहब्बत...
Wow so nice song
ReplyDeleteSo nice
ReplyDeleteBeautiful lines depicting love in passionate form and Lata Didi adorn the song with her golden voice
ReplyDeleteVery very nice
ReplyDeletevgood philosofical words.nd also lata sung vgood
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