आँखों में बसाया था - Aankhon Mein Basaya Tha (Kumar Sanu, Takkar)

Movie/Album: टक्कर (1995)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: माया गोविन्द
Performed By: कुमार सानू

आँखों में बसाया था
तुम्हें दिल में छुपाया था
जब चाहूँ तुम्हें देखूँ
आइना बनाया था
आँखों में बसाया...

आँखों में अँधेरा है, विराना सेहरा है
ना जाने मेरा वो चाँद, किस शहर में उतरा है
जीने का बता तू ही, अब क्या अरमान करूँ
मर जाने का ऐ दिल, कोई सामान करूँ
एक साथ जीयेंगे हम
क्यों ख़्वाब दिखाया था
जब चाहूँ तुम्हें देखूँ...

क्या जान सकोगे तुम, दिन कैसे गुज़रता है
इक पल भी नहीं गुज़रे, हाँ ऐसे गुज़रता है
ना चैन ही आता है, ना नींद ही आती है
तेरी याद आती है, आकर तड़पाती है
मैंने तो तुझे जानम
पलकों पे बिठाया था
जब चाहूँ तुम्हें देखूँ...

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