Movie/Album: कुदरत (1981)
Music By: राहुल देव बरमन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: आशा भोंसले
सजती है यूँ ही महफ़िल, रंग यूँ ही ढलने दो
इक चराग बुझने दो, इक चराग जलने दो
सजती है यूँ ही महफ़िल...
साज़-ए-तमन्ना लाओ कोई गीत गायें हम
जशन-ए-मोहब्बत है ये, झूम के मनाएँ हम
शाम ये मुरादों की सुबह तक तो चलने दो
सजती है यूँ ही महफ़िल...
अब तो नज़र भी अपनी, उठती है दुआ बनकर
धड़कन भी निकली दिल से, नग़मे वफ़ा बनकर
आज तो दिलो जाँ की, हसरतें निकलने दो
सजती है यूँ ही महफ़िल...
Music By: राहुल देव बरमन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: आशा भोंसले
सजती है यूँ ही महफ़िल, रंग यूँ ही ढलने दो
इक चराग बुझने दो, इक चराग जलने दो
सजती है यूँ ही महफ़िल...
साज़-ए-तमन्ना लाओ कोई गीत गायें हम
जशन-ए-मोहब्बत है ये, झूम के मनाएँ हम
शाम ये मुरादों की सुबह तक तो चलने दो
सजती है यूँ ही महफ़िल...
अब तो नज़र भी अपनी, उठती है दुआ बनकर
धड़कन भी निकली दिल से, नग़मे वफ़ा बनकर
आज तो दिलो जाँ की, हसरतें निकलने दो
सजती है यूँ ही महफ़िल...
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