संभल ऐ दिल - Sambhal Aye Dil (Asha Bhosle, Md.Rafi, Sadhna)

Movie/Album: साधना (1958)
Music By: दत्ता नायक
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: आशा भोंसले, मोहम्मद रफ़ी

संभल ऐ दिल
तड़पने और तड़पाने से क्या होगा
जहाँ बसना नहीं मुमकिन
वहाँ जाने से क्या होगा
संभल ऐ दिल

चले आओ
कि अब मुँह फेर के जाने से क्या होगा
जो तुम पर मिट चुका
उस दिल को तरसाने से क्या होगा
चले आओ

हमे संसार में अपना बनाना कौन चाहेगा
ये मसले फूल से जोबन सजाना कौन चाहेगा
तमन्नाओं को झूठे ख्वाब दिखलाने से क्या होगा
संभल ऐ दिल
चले आओ

तुम्हें देखा, तुम्हें चाहा, तुम्हें पूजा है इस दिल ने
जो सच पूछो तो पहली बार कुछ माँगा है इस दिल ने
समझते बूझते अनजान बन जाने से क्या होगा
चले आओ
संभल ऐ दिल

जिन्हें मिलती है ख़ुशियाँ वो मुक्कदर और होते है
जो दिल में घर बनाते हैं वो दिलबर और होते है
उम्मीदों को खिलौने दे के बहलाने से क्या होगा
जहाँ बसना नहीं मुमकिन...

बहुत दिन से थी दिल में अब ज़बाँ तक बात पहुँची है
वहीँ तक इसको रहने दो जहाँ तक बात पहुँची है
जो दिल की आख़िरी हद है, वहाँ तक बात पहुँची है
जिसे खोना यकीनी है, उसे पाने से क्या होगा
जहाँ बसना नहीं मुमकिन...

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